मानव जीवन का बड़ा महत्व है । मानव का जीवन जिसमेँ सिर्फ दो जाति हैँ : पुरूष तथा स्त्री । मानव जीवन का महत्व क्योँ है ? ऐसे मानव का जीवन का महत्व इसलिए है संसार का जो जन्म-मृत्यु का चक्र है से मानव के अलावा कोई प्राणी मुक्ति नहीँ पा सकता । इसलिए मानव का जन्म तब होता जब परम पिता की असीम कृपा होती है । परंतु आज संसार इसे भुला दिया है । आज सेक्स इतना फैल गया है कि किसी छोटे बात पर आत्महत्या कर देते , आत्मत्याग कर देते । किसी को नौकरी नहीँ मिली , किसी को शादी नहीँ लगती , कोई लाचार है , को कच्ची उम्र मेँ गर्भवति हो गई आदि के कारण आत्महत्या कर लेते है । इसका कारण आत्म ज्ञान का अभाव है । मानो कलयुग के असीम प्रकोप है । पर हमेँ कलयुग को समझकर गलत कार्य करते रहते तो जीवन जीने से कोई लाभ नहीँ । हमेँ कलयुग से जितना हैँ । अगर जो अज्ञान वश माँसाहार करते वो ज्ञान वश बहुत कष्ट उठा सकेँगे । जिँदगी हमेँ रास्ता दिखाती पर मैँ उस रास्ता पर चलने को तैयार ही नहीँ ।
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