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× सावधानी! इस ब्लॉग पर बहुत भद्दा प्रचार किया जा रहा है इसलिए हमलोग नया वेबसाइट बना लिया हूँ जो 5 सेकण्ड्स में खुलेगा आयुर्वेद, योग, प्राणायाम को अपनाए और स्वस्थ रहें अध्यात्म की राह पर चलने की जरूर प्रयास करें।

प्राणायामा



प्राणायाम का अर्थ प्राण का आयाम देने वाले कला है । स्थूल शरीर से सूक्ष्म शरीर की ओर अग्रसर होने का प्रवेश द्वार है ।
महर्षि पतंजलि के अनुसार " श्वासप्रश्वासयो गतिविच्छेद " अर्थात्‌ प्राण की स्वाभाविक गति श्वास- प्रश्वास को रोकना प्राणायाम है ।

प्राणायाम की मुख्य कियाएँ : -



(1.) श्वास लेना
(2.) श्वास छोड़ना
(3.) कुछ क्षण श्वास को अंदर एवं बाहर रोकना (आंतरिक कुंभक या बाहर कुंभक)नोट : प्राणायाम के विधि के जानकारी के लिए प्राणायाम सुची देखेँ

प्राणायाम से लाभ


फेफड़े मजबुत होगेँ । मस्तिष्क के विकार दुर होगेँ । प्राणायाम से मन का घनिष्ठ संबंध है । दुनियाँ मेँ होने वाले कोई रोग ऐसा नहीँ है जो प्राणायाम से ठीक नहीँ होगा । इसका लाभ प्रतिदिन स्वच्छ एवं खुले वातावरण मेँ सुबह मेँ करना चाहिए ।

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