XtGem Forum catalog
× सावधानी! इस ब्लॉग पर बहुत भद्दा प्रचार किया जा रहा है इसलिए हमलोग नया वेबसाइट बना लिया हूँ जो 5 सेकण्ड्स में खुलेगा आयुर्वेद, योग, प्राणायाम को अपनाए और स्वस्थ रहें अध्यात्म की राह पर चलने की जरूर प्रयास करें।



माता दुर्गा द्वारा शाप




ब्रह्मा को शाप :


तेरी पुजा जग (संसार) मेँ नहीँ होगा । आगे तेरे वंशज होँगे वे बहुत पाखंड करेँगे । झुठी बात बनाकर जग को ठगेँगे । ऊपर से तो कर्म काण्ड करेगेँ परंतु अंदर अंहकार , विकार , माँसाहार , आदि अपने बड़ा मानेगेँ । कथा सुनाया करेँगे परंतु स्वयं को वास्तविक ज्ञान नहीँ होगा । देवी देवता का पुजा करवाकर कष्ट पर कष्ट उठवायेगे ।


गायत्री को शाप :


तेरे कई सांड पति होँगे । तुम मृत्युलोक मेँ गाय बनेगी ।


पुहपवति को शाप :


तेरी जगह गंदगी मेँ होगी । तेरे फूलोँ को कोई पूजा मेँ नहीँ लाएगा । इस झुठ गवाही के कारण तुझे यह नरक भोगना होगा । तेरा नाम केवड़ा केतकी होगा । यह गंदगी ( कुरड़ियोँ ) वाली जगह पर होती है ।
इस प्रकार तीनोँ को शाप देकर माता बहुत पछताई ।


हाँ , यहाँ एक बात विशेष है कि निरंजन ने भी अपना कानुन बना रखा है कि कोई जीव किसी दुर्बल जीव को सतायेगा तो उसका बदला देना पड़ेगा ।


जब आदि देवी ने ब्रह्मा , गायत्री तथा पुहपवति को शाप दिया तो काल ब्रह्म को अनुचित लगा ।
उसने आदि माता को शाप दिया कि तेरे भी द्वापर युग मेँ पाँच पति होँगे । द्वोपदी ( पंचाली पंचाल नरेश की पुत्री जो यज्ञ के द्वारा उत्पन्न हुई ) ही आदिमाता का अवतार थी ।

Online : 1 | Today Visitors : 1 | Total Visitors :175
यंत्र विवरण :
आई॰ पी॰ पता : 3.141.8.247
ब्राउज़र छवि : Mozilla
ऑपरेटिँग सिस्टम विवरण : Mozilla/5.0 AppleWebKit/537.36 (KHTML, like Gecko; compatible; ClaudeBot/1.0; +claudebot@anthropic.com)
आपका देश :
समय तथा तिथि : 2024-04-27 10:41:41
फिडबैक उपयोग की शर्तेँ
© 2018 spiritual