Disneyland 1972 Love the old s
× सावधानी! इस ब्लॉग पर बहुत भद्दा प्रचार किया जा रहा है इसलिए हमलोग नया वेबसाइट बना लिया हूँ जो 5 सेकण्ड्स में खुलेगा आयुर्वेद, योग, प्राणायाम को अपनाए और स्वस्थ रहें अध्यात्म की राह पर चलने की जरूर प्रयास करें।

आसन


आसन मुख्य रूप से रोगोँ से मुक्ति के लिए तथा मन को नियंत्रित के लिए योग मेँ इसका स्थान प्रमुख है । आसन ऐसा व्यायाम है जो शरीर के आंतरिक भाग मेँ प्रभाव डाल सकता है ।
इसे प्रतिदिन करने से ही स्वास्थ लाभ मिल सकता है ।
"स्थिरम्‌ सुखमासनम्‌" (योगशुत्र) का अर्थ शरीर स्थिर रहे एवं मन को शांति की प्राप्ति होना आसन है ।
आसन करने के लिए अपने सामार्थ शक्ति लगायेँ अर्थात्‌ सहज गति से व्यायाम करेँ ।


आसन दो प्रकार है : -

(1.) प्राणायाम करने के लिए : -

पद्‌मासन , सुखासन , सिद्धासन
आदि ।

(2.) शरीर तथा मन को निरोग रखनेँ के लिए : -

पश्चिमासान , , , आदि ।

आसन की पुर्ण जानकारी हेतु आप आसन सुची पर जा सकते

Online : 1 | Today Visitors : 1 | Total Visitors :256
यंत्र विवरण :
आई॰ पी॰ पता : 216.73.216.24
ब्राउज़र छवि : Mozilla
ऑपरेटिँग सिस्टम विवरण : Mozilla/5.0 AppleWebKit/537.36 (KHTML, like Gecko; compatible; ClaudeBot/1.0; +claudebot@anthropic.com)
आपका देश : United States
समय तथा तिथि : 2025-09-13 15:50:11
फिडबैक उपयोग की शर्तेँ
© 2018 spiritual