मानव जो अपने आप को अर्थात् आत्मा को अध्ययन करने की विषय को अध्यात्म कहा जाता है
अध्यात्म एक दर्शन है , चिंतन-धारा है , विद्या है |
अधयात्म का अर्थ यह है कि अपने भीतर के चेतन तत्व को जानना , मानना और मनन करना अर्थात् अपने आप के बारे में जानने का प्रयास करना कि मैं कौन हु और धरती पर क्यों जन्म लिया के कारन था कि मुझे जन्म लेना पड़ा?
गीता ज्ञान के आठवे अध्याय में अपने स्वरूप को ही अध्यात्म कहा गया है अर्थात् जीवात्मा को ही अध्यात्म कहा गया है :
" परम स्वभवोअध्यात्म्मुच्यते "
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