× सावधानी!
इस ब्लॉग पर बहुत भद्दा प्रचार किया जा रहा है इसलिए हमलोग नया वेबसाइट बना लिया हूँ जो 5 सेकण्ड्स में खुलेगा
आयुर्वेद, योग, प्राणायाम को अपनाए और स्वस्थ रहें अध्यात्म की राह पर
चलने की जरूर प्रयास करें।
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माता-पिता हेतु आपका कर्त्तव्य
दुनियाँ मेँ माता-पिता प्रथम गुरू माना जाता है ।
इन्होँने आपका जन्म , लालन-पालन किया ।
आपको किसी प्रकार का दिक्कत होता तो अकारण पूर्ति करते थे । तो आपका इनके प्रति क्या कर्त्तव्य है ? इन्हेँ कोई सेवा प्रदान नहीँ करना ?नहीँ नहीँ यह कभी नहीँ होना चाहिए
आजकल लोग सेक्स(मैथुन) की बरसात मेँ मस्त रहते और माता-पिता का सुख का ध्यान नहीँ देते ।
सिर्फ अपनी औरत के पिछलग्गु बने रहते
अब तो औरत भी अपनी मर्द पर नियंत्रण रखती है जो एक परिवार के लिए खतरनाक है ।
आज मर्द की संख्या मेँ लोप होता जा रहा है ।
ये लोग मर्द नहीँ होते जो औरतो के संभोग के लिए लायायीत रहते और माता-पिता का ध्यान नहीँ बल्कि अपनी औरत का ध्यान रखते क्योँकि अगर इसे कुछ हो जाएगा तो मसंभोग कैसे होगा ?
इस संभोग आनांद के लिए अपनी औरत का भी कार्य करने लगते है कि इसकी स्वास्थ ठीक रहे परंतु माता-पिता पर कुछ ध्यान नहीँ देते
अगर खाना स्वादिष्ट नहीँ रहेगा फिर भी कहेगा कि खाना ठीक है । क्योँकि उसे संभोग मिलने मेँ परेशानी नहीँ हो
कोई गलती के कारण भी अपनी औरत को सिर्फ समझायेगा , उन्हेँ नियंत्रण नहीँ करेगा ।
कहीँ से आएगेँ तो सिधे औरत के कमरा मेँ चले जाते और माता-पिता को नमन भी नहीँ करना
किसी के बहकाबे मेँ आकर माता-पिता से नफरत करने लगता
माता-पिता की सेवा हेतु निम्न उपाय करेँ कि माता-पिता आपसे खुश रह सके
अपनी औरत को अपनी नियंत्रण मेँ रखना
सास-पतोहु के झगड़ा के लिए ज्यादा जिम्बेबार औरत होती होती माताजी नहीँ क्योँकि औरत से कुछ गलती होगी तो वे जरुर बोलेगी
इस समय औरत को उनकी आलोचना को सहना पड़ेगा यह असली औरत की पहचान है
आप अपने पिता को और औरत आपकी माता , देवजी को शारीरिक सेवा करना
कही बाहर जाना तो माता या पिता को बताकर जाना इसके बजाय पत्नि को नहीँ
पत्नि को भी बहुत प्यार करना परंतु नियंत्रण मेँ रखना
आपकी पत्नि अगर माताजी को खाना नहीँ खिलाती तो उसे डराकर नियंत्रण मेँ रखना
बाहर आये पहले माता-पिता से मिलना और उनके पास कुछ देर बैठना
हर रात को माता-पिता को दोनोँ मिलकर सेवा करना
घर मेँ कोई कांड , झगड़ा हो तो आप माता-पिता से पुछना
माता-पिता का स्वास्थ , भुख , चिँता आदि हेतु ख्याल रखना
अगर आप मात-पिता से दुर रहते तो कृपया माता-पिता से संम्पर्क मेँ रहना